AYURVEDA AND LIFESTYLE CONSULTATION FOR YOUR DIABETES
Diabetes Reversal Program works with Ayurveda & lifestyle
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About Dr Grover
डायबिटीज (Diabetes) एक लाइलाज बीमारी है। एक बार जो इसकी चपेट में आ गया, यह बीमारी उसके शरीर को अंदर से धीरे-धीरे खोखला करना शुरू कर देगी। हालांकि इसे कंट्रोल करके स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। चूंकि यह ब्लड शुगर बढ़ने की बीमारी है इसलिए मरीजों को ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना जरूरी है।
दरअसल डायबिटीज के मरीजों में बढ़ा हुआ ब्लड शुगर ही कई लक्षण पैदा करता है। डायबिटीज को सरल और प्रभावी तरीकों से मैनेज किया जा सकता है। डायबिटीज की गंभीर स्टेज पर पहुंचने से पहले इसका पता लगना जरूरी है। सही समय पर पहचान और निदान से आप इसे बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं।
डायबिटीज या बढ़े हुए ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप हेल्दी लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, दवाएं और कुछ घरेलू उपाय आजमा सकते हैं।
डॉ आर ग्रोवर BAMS आयुर्वेदाचार्य है ये लगभग पिछले 25 वर्षों से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से लोगों की सेवा कर रहे हैं इन्होंने पिछले काफ़ी वर्षों से जटिल से जटिल रोगों का चिकित्सा एवं उसके बारे में परामर्श दे रहे हैं ग्रोवर का मानना है कि डायबिटीज़ एक ऐसी समस्या है जो आज कल के ग़लत लाइफ़स्टाइल ,स्ट्रेस ,मानसिक समस्याओं आज की लाइफ़ की भाग दौड़ खानपान के अंदर जो चेंज आ रहे हैं लोग जो फ़ास्ट फ़ूड ले रहे हैं चीनी का अधिक यूज़ कर रहे हैं उसके कारण ये समस्याएं बढ़ती जा रही है यदि हम लाइफ़ स्टाइल एवं खानपान में सुधार करें तो इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है डॉक्टर साहब को इसके अंदर कार्य करते हुए काफ़ी लंबा टाइम हो गया इन्होंने अपने अनुभव से काफ़ी लोगों को सही किया है हज़ारों लोगों को सही किया है
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डायबिटीज और हाई ब्लड शुगर जीवनशैली को अनेक तरीकों से प्रभावित करते हैं. ना सिर्फ खानपान बल्कि हर छोटी-बड़ी आदत पर गौर करना भी जरूरी हो जाता है. उठने-बैठने, सोने-जागने, चलने या ना चलने और खाना खाने के समय का भी ध्यान रखना पड़ता है नहीं तो ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) जरूरत से ज्यादा बढ़ भी सकता है.
Results Helping people to reverse diabetes with Ayurveda and same change in life style
डायबिटीज (Diabetes) का कोई इलाज नहीं है, इसे सिर्फ कंट्रोल रखकर ही स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। ब्लड शुगर (Blood Sugar) को कंट्रोल रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना जरूरी है और यही लोग मार खा जाते हैं। अधिकतर डायबिटीज के मरीज अन्हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं जिसकी वजह से उन्हें ब्लड शुगर को काबू रखने के लिए रोजाना दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। डायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना जरूरी है। लंबे समय तक शुगर का बढ़ना कई समस्याएं पैदा कर सकता है।
ब्लड शुगर हाई होने से आपको ज्यादा प्यास लगना, मुंह का सूखना, बार-बार पेशाब आना, थकान, कमजोरी, धुंधला दिखना, त्वचा में सूखापन और खुजली होना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इतना ही नहीं, बढ़ा हुआ ब्लड शुगर आपके किडनियों और आंखों को डैमेज कर सकता है। Dr R Grover ‘s clinic के DR GROVER के अनुसार, अगर आप डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिएरोजाना शुगर की मोटी-मोटी दवाएं नहीं निगलना चाहते हैं, तो आप कुछ आसान उपायों पर ध्यान देकर अपने ब्लड शुगर को काबू रख सकते हैं और लक्षणों को बिगड़ने से बचा सकते हैं।
ब्लड शुगर की नियमित रूप से जांच करें
डायबिटीज को प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करना जरूरी है। घर पर अपने ब्लड शुगर की जांच करने और रिजल्ट का रिकॉर्ड रखने के लिए ग्लूकोज मीटर का उपयोग करें।
30 मिनट एक्सरसाइज करें
डायबिटीज में फिजिकल एक्टिविटी में शामिल होने से ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। इससे इंसुलिन रेसिस्टेंट में सुधार होता है और समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलता है। आपको रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करनी चाहिए।
बैलेंस्ड डाइट लें
डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिए बैलेंस्ड डाइट लेना जरूरी है। आपके खाने में साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, फल, सब्जियां और हेल्दी फैट वाली चीजें शामिल होनी चाहिए। ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने के लिए आपको मीठे खाद्य और पेय पदार्थों से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।
डायबिटीज में ध्यान रखने वाली बातें
इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप मधुमेह के मरीज हैं तो थोड़े–थोड़े अंतराल में भोजन करें, क्योंकि एक साथ बहुत सारा खाना खाने से रक्त में शुगर का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है। दिनभर के भोजन को पाँच हिस्सों में बाँट लें तथा हर बार थोड़ी–थोड़ी मात्रा में खाएँ।
- मधुमेह रोगी का आहार ज्यादा फाइबर युक्त होना चाहिए जैसे– छिलके सहित पूरी तरह से बनी हुई गेहूँ की रोटी, जई (oats) आदि जैसे कार्बोहाइड्रेट शामिल होने चाहिए, क्योंकि वे खून के प्रवाह में धीरे–धीरे मिल जाते है।
- गेहूँ और जौ 2-2 किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पीस लें। रोटी बनाने के लिए इस चोकर सहित आटे का प्रयोग करें।
- सब्जियों में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, टिंडा, चौलाई, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, बोकली, टमाटर, बंदगोभी, सोयाबीन की बड़ी, काला चना, बीन्स, शिमला मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियाँ आहार में शामिल करें। इनसे बने सूप का भी सेवन करें।
- कमजोरी दूर करने के लिए कच्चा नारियल, अखरोट, मूंगफली के दाने, काजू, इसबगोल, सोयाबीन, दही और छाछ आदि का सेवन करें।
- 25 ग्राम अलसी को पीसकर आँटे में गूथकर रोटी बनाएँ। अलसी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- ग्रीन टी का सेवन डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें मौजूद एंटिऑक्सिडेंट व्यक्ति को स्वस्थ रखते है। ग्रीन टी हो या काली चाय दोनों का ही सेवन बिना दूध और चीनी के करना चाहिए।
डायबिटीज या शुगर के मरीज क्या ना खाएं
डायबिटीज के मरीजों के लिए खानपान में परहेज रखना सबसे ज्यादा ज़रुरी है। उचित परहेज और व्यायाम की मदद से आप काफी हद तक डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। आइये जानते हैं किन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- कुछ फलों में शर्करा की उच्च मात्रा होने के कारण इन फलों को डायबिटीज के रोगियों को नहीं खाना चाहिए। जैसे- अंगूर, चेरी, अनानास, केला, सूखे मेवे और मीठे फलों का जूस भी नहीं लेना चाहिए।
- एक छोटे अंगूर में भी लगभग एक ग्राम कार्बोहाइड्रेड होता है। इसलिए डायबिटीज के रोगी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- अंगूर की ही तरह एक चेरी में एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है अत: इसको ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए।
- पके हुए अनानास में शर्करा का उच्च स्तर होता है इसलिए यह फल डायबिटीज के रोगी को नहीं खाना चाहिए या अल्प मात्रा में कभी-कभी लेना चाहिए।
- एक पके हुए आम में लगभग 25-30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए आम के सेवन से परहेज करें।
- सूखे मेवों का भी अधिक सेवन न करें। खासकर किशमिश या बाजार में उपलब्ध शुगर या चॉकलेट युक्त सूखे मेवों का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
- मीठे फलों के जूस का सेवन भी नहीं करना चाहिए। जब तक शरीर में हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति न हो डायबिटीज के रोगी को जूस नहीं लेना चाहिए। जूस की जगह फल का सेवन करें।
डायबिटीज के दौरान आपकी जीवनशैली
डायबिटीज के मरीजों को खानपान के साथ-साथ जीवनशैली पर विशेष ध्यान देना चाहिए। खराब जीवनशैली अपनाने से शुगर की समस्या और बढ़ सकती है। आइये जानते हैं कि शुगर के मरीजों को कैसी जीवनशैली अपनानी चाहिए।
- रोजाना सुबह आधा घंटा ज़रूर टहलें।
- प्रतिदिन सुबह और शाम को कुछ देर व्यायाम करें।
- प्रतिदिन योग एवं प्राणायाम करें।
- तनावमुक्त जीवन जिएं।
- शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
मधुमेह के लिए आयुर्वेदिक
अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (आईडीएफ) के अनुसार, 2045 तक भारत में विश्व स्तर पर मधुमेह रोगियों की संख्या सबसे अधिक होगी। आयुर्वेदिक चिकित्सा, भारत की एक पारंपरिक उपचार प्रणाली है, जो मधुमेह को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
मधुमेह कई कारणों से होता है, जिसमें आनुवंशिक प्रवृत्ति से लेकर अस्वास्थ्यकर जीवनशैली विकल्प जैसे कि असंतुलित आहार का सेवन, गतिहीन जीवनशैली और उच्च तनाव स्तर का अनुभव शामिल है। आयुर्वेद का सुझाव है कि दोषों (वात, पित्त और कफ) में असंतुलन और खराब पाचन भी मधुमेह को प्रेरित करने में भूमिका निभा सकते हैं।
मधुमेह के विशिष्ट लक्षणों में अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बिना किसी कारण के वजन कम होना, थकान, दृष्टि धुंधली होना, घाव का देर से भरना और बार-बार संक्रमण होना शामिल हैं।
मधुमेह होने पर कई तरह की बाधाएँ आती हैं। इनमें रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए निरंतर संघर्ष, दवाइयों के शेड्यूल पर बने रहना, जीवनशैली में बदलाव करना और महत्वपूर्ण अंगों को और अधिक नुकसान से बचाने के उपाय करना शामिल है।
मधुमेह के आयुर्वेदिक प्रबंधन में आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव, हर्बल उपचार, योग ध्यान और पंचकर्म (विषहरण प्रक्रिया) जैसी विशिष्ट चिकित्सा का संयोजन शामिल है। दृष्टिकोण व्यक्तिगत है, व्यक्ति के संविधान, दोष असंतुलन और समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए।
चूंकि मधुमेह वैश्विक स्वास्थ्य चिंता का विषय बना हुआ है, इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सा जैसे वैकल्पिक और पूरक उपचारों की मांग बढ़ रही है। कई लोग मधुमेह के प्रबंधन के लिए प्राकृतिक, समग्र दृष्टिकोण की तलाश कर रहे हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मधुमेह के लिए आयुर्वेदिक उपचार किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य पेशेवरों से परामर्श और पारंपरिक चिकित्सा देखभाल के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का पालन करने से मधुमेह का प्रभावी प्रबंधन हो सकता है।
डायबिटीज में योग चिकित्सा की भूमिका
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि डायबिटीज के लिए नियमित योग करने से टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल में काफी सुधार हो सकता है।
इस अध्ययन में टाइप 2 डायबिटीज वाले 100 प्रतिभागियों को शामिल किया गया जिन्होंने 3 महीने तक योग का अभ्यास किया। अध्ययन के अंत में प्रतिभागियों ने अपने फास्टिंग ब्लड शुगर के लेवल में 30 मिलीग्राम/डीएल (औसत) की जबरदस्त कमी देखी।
यह साक्ष्य इंगित करता है कि डायबिटीज के लिए योग, कुछ मामलों में डायबिटीज को मैनेज करने और यहां तक कि संभावित रूप से रिवर्स यानी छुटकारा पाने के लिए एक प्रभावी बेहतरीन थेरेपी हो सकता है।
संतुलित आहार चार्ट
हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उसके द्वारा की जाने वाली मेहनत के हिसाब से खान-पान की आवश्यकता अलग-अलग होती है। दिमाग सुचारु रूप से काम करता रहे और शरीर थके नहीं, इसके लिए हर वयक्ति को लगभग 1200 से 1800 कैलोरी की आवश्यकता होती है। इतनी कैलोरी ऊर्जा के रूप में शरीर में बेहतर ढंग से संचारित हो जाती है, जो वसा के रूप में शरीर में नहीं जमती। इसलिए आहार चार्ट में खाद्य पदार्थों की मात्राएं कैलोरी के हिसाब से इतनी होनी चाहिएः-
- दिन के तीन मुख्य भोजन जैसे – नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी का रखें।
- बाकी 300 कैलोरी में स्नैक्स और अन्य चीजों को रखें।
- ग्रीन टी का सेवन करें।
- मैदा और चावल बिल्कुल ना खाएँ। जो भी खाना खाएँ वह गेहूँ से बना हो, या ब्राउन चावल हो।
- सुबह उठते ही पानी पिएँ। लगभग 2 गिलास गुनगुना पानी पिएँ।
- नाश्ते में ओट्स का सेवन करें, लेकिन बाहर का प्रिजरवेटिव युक्त ओट्स ान हो। सादे ओट्स लाकर उसमें प्याज, लहसुन, दालचीनी, कलौंजी, ब्रौकली और नमक आदि डालकर बनाएँ। कभी-कभी कॉर्नफ्लेक्स और मलाई उतरे हुए दूध का सेवन करें।
- दिन के भोजन और नाश्ते के बीच में 5-10 बादाम, कॉफी या ग्रीन टी, अदरक, तुलसी, दालचीनी और अदरक, इलायची से बनी चाय का सेवन करें। इसमें चीनी न मिलाएँ।
- दिन के भोजन में एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल एवं दो रोटी का सेवन करें। इसके साथ में एक कटोरी सलाद भी लें।
- शाम के समय कोई भी सब्जियों से बना सूप या ग्रीन टी लें।
- रात के भोजन में एक कटोरी वेज सूप, एक कटोरी सलाद, एक बड़ी कटोरी पपीता या एक कटोरी भरकर उबली हुई सब्जियाँ खाएँ, इसमें लहसुन और प्याज भी डालें।
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Dr Grover is a superb skilled and experienced. His diagnosis of patient’s disease is very good I am very much satisfied with his diagnosis and treatment.
NARANDER MOHAN
After 2 Month Guidance & Treatment There is a major improvements in my energy levels. So Many Benefit in my fitness my blood sugar now control . And in my diet breakfast, lunch, and dinner become heathy . I changed my habits .I am Happy thanks Dr GROVER
PANKAJ SIGH
With diabetes, I thought this was going to be my life. When I spoke to the doctor, he said it would be lifelong medication. I had not even experienced real food until I Consult with Dr Grover .now i am control my Blood Sugar level with help of Ayurveda and correction in life style. now i am fit and fine thanks DR GROVER
AKSHAY SHARMA
Diabetes mellitus refers to a group of diseases that affect how the body uses blood sugar (glucose). Glucose is an important source of energy for the cells that make up the muscles and tissues. It’s also the brain’s main source of fuel.
The main cause of diabetes varies by type. But no matter what type of diabetes you have, it can lead to excess sugar in the blood. Too much sugar in the blood can lead to serious health problems.
Chronic diabetes conditions include type 1 diabetes and type 2 diabetes. Potentially reversible diabetes conditions include prediabetes and gestational diabetes. Prediabetes happens when blood sugar levels are higher than normal. But the blood sugar levels aren’t high enough to be called diabetes.